October 26, 2012

उसके हाँथ


इन्ही हाँथों ने संभाला जब जन्मा ही था, 
इन्ही हाँथों ने चलना सिखाया। 
सदा होंसला दिया इन्ही हाँथों ने,
गले से लगाया इन्ही हाँथों ने, जब आँसू बहे आँखों से।

प्यार से पुचकारा इन्ही हाँथों ने, 
बिनबोले सहलाया दर्दों को, इन्ही हाँथों ने।
इन्ही हाँथों ने मंज़िल की ओर इशारा कर, तारों तक पहोंचना सिखाया, 
तालिओं की गूँज भी फिर, इन्ही हाँथों ने की, मंज़िल पाने पर। 

आज ये हाँथ, हैं रूखे-सूखे और बेजान, 
सालों की मेहेनत ने किया है, हाल बुरा इन हाँथों का।
झूरियाँ दे रही है गवाही, इन हाँथों की लम्बी उम्र की, 
बारी है मेरी, अब प्यार से सेहेलाने की, इन हाँथों को। 

क्योंकी, यही हैं वे हाँथ जिनकी वजह से हूँ, मैं आज।

Still working on this piece, but couldn't wait to share it :)
"Hard Working, Long Lived" - 18" x 24" - Oil on Canvas
(Completed Version)
Dedicated to my mom and grand-mom.

No comments:

Post a Comment